लौह तत्व की कमी से परेशान हैं? जानें कैसे लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियां मदद कर सकती हैं
आज के समय में महिलाओं में लौह तत्व की कमी एक आम समस्या बन गई है। खासकर प्रजनन आयु की महिलाओं में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्त प्रवाह के कारण महिलाओं में लौह तत्व की कमी तेजी से बढ़ती जा रही है। इस समस्या का एक नवाचार समाधान है लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियां। आइए जानते हैं कि कैसे यह दोहरा फायदा देने वाला विकल्प आपके लिए मददगार हो सकता है।
लौह तत्व की कमी क्या है और यह क्यों होती है?
लौह तत्व की कमी तब होती है जब आपके शरीर में पर्याप्त लौह तत्व नहीं होता है। यह एक महत्वपूर्ण खनिज है जो रक्त में लाल कणिकाओं का निर्माण करने के लिए आवश्यक होता है। ये लाल कणिकाएं आपके खून में प्राणवायु ले जाने का काम करती हैं। जब लौह तत्व की कमी होती है, तो आपके शरीर के अंगों को पर्याप्त प्राणवायु नहीं मिल पाती।
महिलाओं में लौह तत्व की कमी के मुख्य कारण हैं:
- मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव
- गर्भावस्था और स्तनपान
- अपर्याप्त आहार
- शरीर द्वारा लौह तत्व का कम अवशोषण

लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियां: एक क्रांतिकारी समाधान
लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियों का मतलब है ऐसी गर्भनिरोधक गोलियां जिनमें लौह तत्व भी मिला होता है। यह एक दोहरा फायदा देने वाला विकल्प है जो न केवल गर्भधारण से बचाता है बल्कि लौह तत्व की कमी को भी पूरा करता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो नियमित रूप से लौह तत्व की कमी से जूझती रहती हैं।
कैसे काम करती हैं लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियां?
लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियों में दो मुख्य घटक होते हैं:
1. हार्मोन संबंधी घटक: स्त्री हार्मोन जो गर्भधारण को रोकते हैं
2. लौह तत्व पूरक: जो शरीर में लौह तत्व के स्तर को बढ़ाता है
यह विशेष रूप से निष्क्रिय गोली सप्ताह के दौरान अधिक प्रभावी होता है, जब महिला को मासिक धर्म होता है।
लौह युक्त गोलियों के फायदे
लौह युक्त गोलियों के फायदे अनेक हैं:
1. लौह तत्व की कमी का इलाज
यह गोलियां लौह तत्व की कमी से होने वाली रक्त की कमी को रोकने और उसका इलाज करने में मदद करती हैं। नियमित सेवन से रक्त में लाल कणिकाओं का स्तर बढ़ता है।
2. दोहरा फायदा
एक ही गोली से गर्भनिरोध और लौह तत्व पूरक दोनों का फायदा मिलता है। यह महिलाओं के लिए बहुत सुविधाजनक है।
3. बेहतर शक्ति स्तर
लौह तत्व की पर्याप्त मात्रा से थकान कम होती है और शक्ति का स्तर बढ़ता है। दिनभर की गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन मिलता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
लौह तत्व की कमी से होने वाले मिजाज में बदलाव, चिड़चिड़ाहट और मानसिक अवसाद में कमी आती है।
5. बाल और त्वचा का स्वास्थ्य
लौह तत्व की पर्याप्त मात्रा से बालों का गिरना कम होता है और त्वचा में निखार आता है।
मासिक धर्म चक्र और लौह तत्व के स्तर का संबंध
मासिक धर्म चक्र और लौह तत्व के स्तर के बीच एक चक्रीय संबंध है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को औसतन पंद्रह से बीस मिलीग्राम लौह तत्व की हानि होती है। यह हानि विशेष रूप से उन महिलाओं में गंभीर होती है जिनका मासिक धर्म भारी होता है।
मासिक धर्म चक्र के अलग-अलग चरणों में लौह तत्व की जरूरत:
मासिक धर्म का समय (दिन १-५): इस दौरान सबसे ज्यादा लौह तत्व की हानि होती है। लौह तत्व पूरक इस समय सबसे महत्वपूर्ण होता है।
अंडाणु विकास काल (दिन १-१३): शरीर खोए हुए लौह तत्व की भरपाई करने की कोशिश करता है।
अंडोत्सर्ग (दिन १४): हार्मोन के बदलाव के कारण लौह तत्व का अवशोषण प्रभावित हो सकता है।
पीत पिंड काल (दिन १५-२८): शरीर अगले मासिक धर्म की तैयारी करता है।
सुविधा लौह युक्त गोली: एक विश्वसनीय विकल्प
सुविधा लौह युक्त गोली भारत में उपलब्ध एक प्रमुख लौह युक्त गर्भनिरोधक विकल्प है। यह विशेष रूप से भारतीय महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
सुविधा की विशेषताएं:
· प्रभावी गर्भनिरोध (निन्यानबे प्रतिशत से अधिक)
· लौह तत्व युक्त
· कम दुष्प्रभाव
· किफायती दाम
· चिकित्सक द्वारा प्रमाणित
लौह तत्व की जांच और निदान
रक्त जांच की आवश्यकता:
· पूर्ण रक्त गणना जांच
· लौह तत्व का स्तर
· फेरिटिन की जांच
· लौह बंधन क्षमता की जांच
सामान्य लक्षण जिन पर ध्यान दें:
· असामान्य थकावट
· त्वचा का पीला पड़ना
· सांस फूलना
· ठंडे हाथ-पैर
· अजीब चीजें खाने की इच्छा
· बेचैनी
निष्कर्ष
लौह युक्त गर्भनिरोधक गोलियां एक प्रभावी और व्यावहारिक समाधान हैं जो महिलाओं की दो मुख्य स्वास्थ्य जरूरतों को एक साथ पूरा करती हैं। यह न केवल अनचाहे गर्भधारण से बचाती हैं बल्कि लौह तत्व की कमी से होने वाली समस्याओं से भी निजात दिलाती हैं।